ब्लॉग पोस्ट को रेंक कैसे करें और seo kese karein post ka

अपने पोस्ट को आप गूगल में रैंक करा सकते हैं अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें पोस्ट लिखते समय | जो तरीके और काम महत्त्वपूर्ण है ब्लॉग पोस्ट को रैंक करने के लिए वह सब हमने लिखे हैं | इन  बिंदुओं को समझें और अपने पोस्ट को रैंक कैसे कराएं |

पोस्ट को रैंक कैसे करें ?

 

किसी भी पोस्ट को रैंक करना बहुत आसान है | अगर आपकी वेबसाइट की वैल्यू अच्छी है तो | लेकिन अगर आपकी वेबसाइट नयी है और उसकी वैल्यू कम है तो उस वेबसाइट का पोस्ट मुश्किल से रैंक होता है | परन्तु तब भी कुछ तरीके हैं जिससे आप उप्पर आ सकते हैं |

वो सारे तरीके आज हम आपको बताने वाले हैं |

How to rank blog post in search engine in hindi

कंटेंट कैसा हो ? TYPES OF CONTENT

ऑनलाइन पैसे कमाने का सीधा – साधा तरीका है – ‘ ज्यादा विजिटर , ज्यादा कमाई ‘  अर्थात आपके पोस्ट को जितने ज्यादा लोग देखेंगे उतना अधिक आपकी कमाई होगी।

आप अपने ब्लॉग पोस्ट में ऐसा कंटेंट का चयन कीजिए जो लोगों को आवश्यक हो। अर्थात वह टॉपिक जो ज्वलंत हो। उद्धरण के लिए –

  • फोन बाजार में एप्पल कोई नया गैजेट / उपकरण   प्रस्तुत करता है। उसकी खोज इंटरनेट पर कुछ समय के लिए अधिक रहती है।लोग उसको जानने  की उत्सुकता रखते हैं
  • कोई ऐसी आपदा जो देश ही नहीं अपितु विदेश में भी अधिक से अधिक देखी जाती है।
  • ऐसी राजनैतिक घटना जो वायरल होती है।

कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य है कि जितने ज्यादा लोग आपके पोस्ट को देखेंगे , उतना अधिक आपकी कमाई होगी। ऐसे में आपके पोस्ट का टॉपिक ज्वलंत  ही होने चाहिए।

 

कंटेंट से जुडी सावधानी –

  • आपका कंटेंट पूर्ण रूप से मौलिक होना चाहिए। अर्थात आपके खुद के होने चाहिए , यह कहीं से कॉपी – पेस्ट ना हो।
  • किसी का पोस्ट  तोड़ – जोड़कर प्रस्तुत ना किया गया हो।
  • लोगो से आपका कंटेंट बड़ा होगा ज्यादा शब्दों को होगा तो बेहतर है।
  • आपके कंटेंट में स्टेप बाय स्टेप ( STEP BY STEP )लिखे हों।
  • टॉपिक से जुडी सभी  सामग्री उपलब्ध होनी चाहिए , ताकि विजिटर आपके पोस्ट पर अधिक से अधिक समय दे।
  • निश्चित रूप से कंटेंट लोगों के अनुरूप ही होना चाहिए।
  • लोगों की आवश्यकता है उसी पर आधारित आप अपने पोस्ट लिखिए।
  • ऐसा ना हो कि लोग उस कीवर्ड को सर्च ही ना करते हो जिस पर आप पोस्ट लिख रहे हो।
  • बेहतर होगा कीवर्ड प्लानर का प्रयोग करके आप पहले कीवर्ड सर्च करें।
  • ढूंढे गए कीवर्ड पर ही अपना कंटेंट साफ-सुथरा और पूर्ण जानकारी से परिपूर्ण ही लिखें।

 

टाइटल कैसा होना चाहिए ? ( WHAT TYPE OF TITLE )

किसी भी पुस्तक मूवी नाटक आदि का सार उसके टाइटल अर्थात उसके नाम में समाहित होता है। जैसे –

हिंदी में प्रेमचंद का उपन्यास है ‘गोदान’ इनके पूरे उपन्यास में गाय के प्रकरण को लेकर ‘होरी’ नामक नायक जो किसान जीवन का प्रतिनिधित्व करता है , एक गाय की लालसा लिए पूरा जीवन संघर्ष करता है फिर भी गाय को प्राप्त नहीं कर पाता और मरने के बाद ब्राह्मणो को गाय का दान करना पड़ता है।  अर्थात गोदान से स्पष्ट हो जाता है कि इस उपन्यास में गाय से संबंधित ही पूरा व्याख्यान होगा।

इसी प्रकार आप अपने पोस्ट का टाइटल ऐसा चुनें जो लोगों को आकर्षित करे और उनके जिज्ञासा को हल कर सके।

आपका ब्लॉग किसी टेक्नोलॉजी पर आधारित है , और आप किसी पर्टिकुलर एसे टॉपिक पर पोस्ट लिख रहे हैं जैसे  ‘ड्रोन’ उसमें आप लिख सकते हैं ड्रोन की उपयोगिता , ड्रोन का निर्माण कैसे करें ? इस प्रकार के टाइटल आपके पोस्ट को निर्धारित कर देते हैं कि आपके पोस्ट में ड्रोन से संबंधित लिखा गया है।

 

पोस्ट में हेडिंग का महत्व ( benefit of heading )

वर्तमान समय में गूगल ने पोस्ट की रैंकिंग को लेकर कई मानदंड बनाए हैं , उसमें से एक थे ‘हैडिंग‘ (heading) , SEO  की दृष्टि से आपको टाइटल के रूप में हेडिंग वन( heading 1 ) , हेडिंग टू ( heading 2 ) , हेडिंग थ्री ( heading 3 ) ,  इस प्रकार का प्रयोग करना आवश्यक है।

मान लेते हैं कि आप ड्रोन पर एक पोस्ट तैयार कर रहे हैं , तो आपका हेडिंग 1  ड्रोन होगा –  हेडिंग 2  में ड्रोन की आवश्यकता ,  हेडिंग 3 में ड्रोन  के प्रकार , हेडिंग फॉर में बड़े ड्रोन और छोटे ड्रोन  होंगे इस प्रकार से आप कैटेगरी का निर्माण हेडिंग के तौर पर कर सकते हैं। हेडिंग का प्रयोग करने से आपके पोस्ट को SEO की  दृष्टि से रैंकिंग करने में आसानी रहती है।

 

टैग का महत्व ( BENEFIT TO TAG )

आपके पोस्ट की रैंकिंग में टैग का बिल्कुल विशेष महत्व रहता है। टैग  के बिना आपका पोस्ट अधूरा रहता है , टैग आपके पोस्ट का पता ही होता है।

जैसे आपने ड्रोन से संबंधित एक पोस्ट तैयार किया। आपने टाइटल हेडिंग में ड्रोन शब्द का प्रयोग किया , किंतु टैग का प्रयोग आपने नहीं किया तो केवल और केवल गूगल सर्च इंजन ड्रोन और हेडिंग टाइटल में प्रयोग किए गए शब्दों पर ही आपको रैंक करवाएगा।

अर्थात लोगों तक आपके पोस्ट केवल इन्हीं शब्दों के माध्यम से पहुंचाएगा।  टैग का महत्व बढ़ जाता है क्योंकि टैग में उपयोग किए गए सभी कीवर्ड लोगों द्वारा सर्च किए गए शब्दों से मैच करके उन लोगों तक गूगल आपके पोस्ट को पहुंचा पाएगा तो निश्चित तौर पर टैग जरूर शामिल करें।

 

पोस्ट में इंटरनल लिंक और एक्सटर्नल लिंक का महत्व ( INTERNAL LINK OR EXTERNAL LINK )

गूगल द्वारा निर्धारित किए गए मानदंडों में इंटरनल लिंक और एक्सटर्नल लिंक का भी अधिक महत्व दिया गया है। इंटरनल लिंक वह लिंक होता है जो आप अपने किसी पुराने पोस्ट को नए पोस्ट से जोड़ते है अर्थात नए पोस्ट में पुराने पोस्ट का पता बताते हैं और  लिंक मुहैया कराते हैं।

एक्सटर्नल लिंक वह लिंक होता है जो अपनी वेबसाइट के अलावा किसी दूसरी वेबसाइट अथवा किसी सोशल मीडिया आदि को लिंक अपनी पोस्ट में बनाते है।  इसका महत्व अधिक है इसके बिना आपका पोस्ट गूगल के अनुसार रैंकिंग में ऊपर नहीं आ पाएगा तो निश्चित तौर पर इंटरनल लिंक और एक्सटर्नल लिंक का प्रयोग आवश्यक रूप से करें।

इमेज का क्या महत्व है ( BENEFIT OF IMAGE ON BLOG POST )

जैसा की आप जानते होंगे कि वेबसाइट और वीडियो आदि के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म है। आपने देखा होगा कि गूगल में सर्च करते हैं तो वहां पर इमेज , मैप , वीडियो ,न्यूज  आदि का ऑप्शन आता है , जोकि एक अलग प्लेटफार्म हुआ करता है।

अब गूगल ने अपने मानदंड के अनुसार इमेज को भी SEO की दृष्टि से प्राथमिकता दी जा रही है। जो फोटो आप अपने पोस्ट में समाहित/प्रयोग  करते हैं , डालते हैं। वह फोटो आपके वेबसाइट से लिंक हो जाता है और वह फोटो गूगल अर्थात किसी भी सर्च इंजन के फोटो प्लेटफॉर्म पर चला जाता है।

कोई व्यक्ति उस पोस्ट से संबंधित फोटो सर्च करता है तो निश्चित तौर पर आपका भी फोटो वहां प्रदर्शित होगा और उस फोटो में आपके फोटो की एक लिंक होगी , उस फोटो को क्लिक करते ही व्यक्ति आपके वेबसाइट के पोस्ट पर आ जाता है। तो इसका काफी महत्व है अपने पोस्ट को रैंकिंग की दृष्टि से फोटोका प्रयोग करें।

ध्यान रखें फोटो ज्यादा बड़े साइज KB की न हो क्योकि यह आपके पोस्ट लोड होने की स्पीड को काम कर देता है। जो आपके वेबसाइट के लिए अच्छा नहीं है।

 

मेटा डिस्क्रिप्शन ( META DESCRIPTION BENEFIT )

मेटा डिस्क्रिप्शन किसी भी पोस्ट का सार होता है। अतः सार में ही पूरे पोस्ट का निचोड़ होना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति अपने पोस्ट से संबंधित संक्षिप्त जानकारी मेटा डिस्क्रिप्शन में प्राप्त कर सके और अधिक/ पूरी जानकारी के लिए व पोस्ट को पढ़ें।

आपने गूगल सर्च पर देखा होगा कि पोस्ट से सम्बन्धित की वर्ड ( KEY WORD )  से रिलेटेड उसके नीचे कुछ तीन – चार लाइन के शब्द होते हैं , वह पोस्ट की संक्षिप्त जानकारी होते  है।

कोई पाठक इस जानकारी को पढ़कर समझ जाता है कि मेरे द्वारा खोजी गई जानकारी इस पोस्ट के अंदर है , तभी वह उस पोस्ट को खोलकर पढता है।
गूगल द्वारा तय किए गए मानदंड SEO में मेटा डिस्क्रिप्शन की भी अहम भूमिका है। अतः मेटा डिस्क्रिप्शन सारगर्भित और संक्षेप होना चाहिए जो पोस्ट की संक्षिप्त जानकारी देता हो।

 

यू.आर.एल ( URL )

यूआरएल कैसी  भी पोस्ट का पता ( ADDRESS ) होता है , अर्थात वह पता जो इंटरनेट की दुनिया में आपके पोस्ट तक पहुंचाता है। ऐसे में आपको अपने पोस्ट का यू.आर.एल ठीक और सटीक छोटे कीवर्ड को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए।

URL में  आपके पोस्ट की संक्षिप्त जानकारी हो। यू.आर.एल किसी भी पोस्ट अथवा इंटरनेट की दुनिया में ब्लू कलर की लिंक होती है जो आपके पोस्ट कंटेंट तक किसी भी पाठक को पहुंचाने में मदद करता है। परमा लिंक भी URL  की भांति ही पता होता है।

 

वेबसाइट अपलोडिंग स्पीड ( POST UPLOADING SPEED )

गूगल द्वारा तय किए गए नए मानदंड और SEO की दृष्टि से वेबसाइट की स्पीड अधिक होनी चाहिए। अर्थात कोई भी पाठक आपके पोस्ट को पढ़ने के लिए आपकी वेबसाइट को खोलता है तो वह पोस्ट कम से कम समय में पाठक के समक्ष प्रस्तुत हो।

जिस वेबसाइट का लोडिंग समय कम होता है गूगल उसको अधिक प्रायोरिटी देता है। पाठक का अच्छा दृष्टिकोण उस वेबसाइट के प्रति रहता है। अधिक समय लगने से पाठक बोरियत महसूस करता है। पुनः उस वेबसाइट पर दोबारा आने की संभावना खत्म हो जाती है। अतः अपनी वेबसाइट का अपलोडिंग समय कम से कम करे।

अपनी वेबसाइट का स्पीड टाइम आप कम सकते हैं इसके लिए आपको कई सारे प्लगइन (PLUGIN)  आपके वर्डप्रेस लॉगिन

( WORDPRESS ) पर उपलब्ध होते हैं।

 

प्लगइन ( PLUGIN )

अधिकतर ब्लॉगर वर्डप्रेस का प्रयोग करते हैं उसमें फ्री अथवा शुल्क सहित  कई सारी प्लगइन उपलब्ध है , जिसका उपयोग करके आप अपने पोस्ट को रैंक करवाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसमें मुख्य तौर पर कुछ प्लगइन है जैसे – पेज डिजाइन , SEO YOAST , JETPACK , आदि

 

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